नित्य प्रार्थना कीजिये, शांत चित्त कर जोड़।
शक्ति बड़ी है ईश में, उसके शक्त विधान।
जब भी मन पर बोझ हो, करें प्रार्थना ध्यान।
ईश विनय मनु जान ले, सबसे सुगम उपाय।
मन से माँगी हर दुआ, कभी न खाली जाय।
कर्म हमारे हाथ है, फल तो देगा ईश।
नित्य करें शुभ कामना, पाएँ शुभ आशीष।
जो नसीब में है लिखा, होना है तय जान,
मगर विनय से कष्ट कम, होगा यही विधान।
बंद नहीं रहते कभी, किस्मत के सब द्वार।
दिखलाती है प्रार्थना, नया द्वार हर बार।
आ जाए यदि सामने, किसी रूप में काल,
जाएगा सुन प्रार्थना, नत होकर तत्काल।
कहना चाहे “कल्पना”, बात नहीं अज्ञात।
मानें तो कर जोड़िए, बाकी मन की बात।
--कल्पना रामानी
6 comments:
अगर काल भी सामने, किसी रूप में आय,
सुनकर सच्ची प्रार्थना,खाली वापस जाय।....सभी दोहे सुन्दर हैं मगर इस दोहे में बहुत भाव हैं ...बधाई आपको कल्पना जी इन अनमोल दोहों के लिए
bahut sundar gyanpurn dohe badhai kalpana ji
nice..
blog bahut sundar hai , par follow ka option nahi hai ....?wah kariye jisase update dikhte rahenge blog ki setting kijiye aur comments se verification bhi hata dijiye
Wow
bahut badhiya. man jab aswasth ho to prarthana hi param aadhar hai.
bhupal sood
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